शब्द रूप संस्कृत की नींव है। छोटी कक्षा से लेकर 12वीं तक और CTET जैसी प्रतियोगी परीक्षा में शब्द रूप के बारे पूछा जाता है। इन शब्द रूपों की लिस्ट में Sur Shabd Roop एक है। इस ब्लॉग में आप जानेंगें शब्द रूप क्या होता है, Sur Shabd Roop Sanskrit mein, सुर शब्द रूप हिंदी अर्थ सहित, याद करने के लिए ट्रिक आदि।
शब्द रूप क्या है?
शब्द रूप, किसी शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है। विभक्ति और वचन अनुसार इनमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर इनका प्रयोग किया जाता है।
अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द क्या होता है?
सुर शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा का रूप है। आपको बता दें सभी अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप एक समान ही बनते हैं। अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनका उच्चारण करने पर अंत में अ स्वर की ध्वनि उच्चारित होती हो, उसे अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं। जैसे – राम, वृक्ष, भक्त, शिष्य, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, सुर, ईश्वर, सूर्य, ब्राह्मण, दिवस, छात्र, लोक आदि।
सुर शब्द रूप संस्कृत में (Sur Shabd Roop Sanskrit mein)
Sur Shabd Roop (सुर शब्द रूप) संस्कृत व्याकरण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह हमें वचन के अनुसार वाक्यों में “सुर” शब्द का प्रयोग करने में मदद करता है। जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सुरः | सुरौ | सुराः |
द्वितीया | सुरम् | सुरौ | सुरान् |
तृतीया | सुरेण | सुराभ्याम् | सुरैः |
चतुर्थी | सुराय | सुराभ्याम् | सुरेभ्यः |
पंचमी | सुरात् | सुराभ्याम् | सुरेभ्यः |
षष्ठी | सुरस्य | सुरयोः | सुरानाम् |
सप्तमी | सुरे | सुरयोः | सुरेषु |
सम्बोधन | हे सुर! | हे सुरौ! | हे सुराः! |
Sur Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ
संस्कृत सीखने की शुरुआत करते समय, Sur Shabd Roop (सुर शब्द रूप) को समझना महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई तालिका आपको न केवल वाक्यों में “सुर” शब्द का सही प्रयोग करने में मदद करेगी, बल्कि यह सुर शब्द रूप का हिंदी अर्थ भी समझने में सहायक होगी।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सुरः (सुर, सुर ने) | सुरौ (दो सुरों, दो सुरों ने) | सुराः (अनेक सुरों, अनेक सुरों ने) |
द्वितीया | सुरम् (सुर को) | सुरौ (दो सुरों को) | सुरान् (अनेक सुरों को) |
तृतीया | सुरेण (सुर से, सुर के द्वारा) | सुराभ्याम् (दो सुरों से, दो सुरों के द्वारा) | सुरैः (अनेक सुरों से, अनेक सुरों के द्वारा) |
चतुर्थी | सुराय (सुर को, सुर के लिए) | सुराभ्याम् (दो सुरों को, दो सुरों के लिए) | सुरेभ्यः (अनेक सुरों को, अनेक सुरों के लिए) |
पंचमी | सुरात्/सुराद् (सुर से) | सुराभ्याम् (दो सुरों से) | सुरेभ्यः (अनेक सुरों से) |
षष्ठी | सुरस्य (सुर का, सुर के, सुर की) | सुरयोः (दो सुरों का, दो सुरों के, दो सुरों की) | सुरानाम् (अनेक सुरों का, अनेक सुरों के, अनेक सुरों की) |
सप्तमी | सुरे (सुर में, सुर पर) | सुरयोः (दो सुरों में, दो सुरों पर) | सुरेषु (अनेक सुरों में, अनेक सुरों पर) |
सम्बोधन | हे सुर! (हे सुर!) | हे सुरौ! (हे दो सुरों!) | हे सुराः! (हे अनेक सुरों!) |
सुर शब्द याद करने की ट्रिक
सुर शब्द रूप को या किसी भी सुर शब्द रूप की तरह अकारान्त पुल्लिंग को आसानी से लिखने के लिए आपको अलग-अलग शब्दों के शब्द रूप अलग-अलग याद करने की आवश्यकता नहीं है, यदि आप नीचे दी गई तालिका को याद कर लेते हैं तो उसके आगे शब्द को जोड़कर या शब्द के अंत में दिए प्रत्यय लगाकर आसानी से किसी भी अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप बना सकते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | : | औ | आः |
द्वितीया | म् | औ | आन् |
तृतीया | येन | भ्याम् | ऐः |
चतुर्थी | आय | भ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | आत् | भ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | स्य | योः | आनाम् |
सप्तमी | े | योः | एषु |
सम्बोधन | हे सुर! | हे सुरौ! | हे सुराः! |
सुर शब्द रूप कैसे याद करें?
सुर शब्द रूप याद करने के लिए आप इन आसान तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- चार्ट बनाएं: विभिन्न विभक्तियों के लिए एक चार्ट बनाकर आप आसानी से शब्द रूप याद कर सकते हैं।
- नियमों को समझें: शब्द रूप से जुड़े नियमों को समझें और उन्हें याद रखने का प्रयास करें।
- अभ्यास करें: नियमित रूप से अभ्यास करना शब्द रूप याद रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
- ऑनलाइन टूल का उपयोग करें: Sur Shabd Roop याद करने के लिए कई ऑनलाइन टूल उपलब्ध हैं, जिनका आप उपयोग कर सकते हैं।
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उम्मीद है आप सभी को Sur Shabd Roop समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए eKaksha.in के साथ बनें रहें।