शब्द रूप संस्कृत की नींव है। छोटी कक्षा से लेकर 12वीं तक और CTET जैसी प्रतियोगी परीक्षा में शब्द रूप के बारे पूछा जाता है। इन शब्द रूपों की लिस्ट में Surya Shabd Roop एक है। इस ब्लॉग में आप जानेंगें शब्द रूप क्या होता है, Surya Shabd Roop Sanskrit mein, सूर्य शब्द रूप हिंदी अर्थ सहित, सूर्य का प्रयोग करके बनाये वाक्य, याद करने के लिए ट्रिक आदि।
शब्द रूप क्या है?
शब्द रूप, किसी शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तनों को दर्शाता है। विभक्ति और वचन अनुसार इनमें होने वाले परिवर्तन के आधार पर इनका प्रयोग किया जाता है।
अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द क्या होता है?
सूर्य शब्द अकारांत पुल्लिंग संज्ञा का रूप है। आपको बता दें सभी अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप एक समान ही बनते हैं। अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द जिनका लिंग पुल्लिंग हो तथा उनका उच्चारण करने पर अंत में अ स्वर की ध्वनि उच्चारित होती हो, उसे अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्द कहते हैं। जैसे – राम, वृक्ष, भक्त, शिष्य, क्षत्रिय, शूद्र, बालक, सुर, ईश्वर, सूर्य, ब्राह्मण, दिवस, छात्र, लोक आदि।
सूर्य शब्द रूप संस्कृत में (Surya Shabd Roop Sanskrit mein)
Surya Shabd Roop (सूर्य शब्द रूप) संस्कृत व्याकरण का एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह हमें वचन के अनुसार वाक्यों में “सूर्य” शब्द का प्रयोग करने में मदद करता है। जो इस प्रकार हैं:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सूर्यः | सूर्यौ | सूर्याः |
द्वितीया | सूर्यम् | सूर्यौ | सूर्यान् |
तृतीया | सूर्येन | सूर्याभ्याम् | सूर्यैः |
चतुर्थी | सूर्याय | सूर्याभ्याम् | सूर्येभ्यः |
पंचमी | सूर्यात् | सूर्याभ्याम् | सूर्येभ्यः |
षष्ठी | सूर्यस्य | सूर्ययोः | सूर्यानाम् |
सप्तमी | सूर्ये | सूर्ययोः | सूर्येषु |
सम्बोधन | हे सूर्य! | हे सूर्यौ! | हे सूर्याः! |

Surya Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ
संस्कृत सीखने की शुरुआत करते समय, Surya Shabd Roop (सूर्य शब्द रूप) को समझना महत्वपूर्ण है। नीचे दी गई तालिका आपको न केवल वाक्यों में “सूर्य” शब्द का सही प्रयोग करने में मदद करेगी, बल्कि यह सूर्य शब्द रूप का हिंदी अर्थ भी समझने में सहायक होगी।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | सूर्यः (सूर्य, सूर्य ने) | सूर्यौ (दो सूर्यों, दो सूर्यों ने) | सूर्याः (अनेक सूर्यों, अनेक सूर्यों ने) |
द्वितीया | सूर्यम् (सूर्य को) | सूर्यौ (दो सूर्यों को) | सूर्यान् (अनेक सूर्यों को) |
तृतीया | सूर्येन (सूर्य से, सूर्य के द्वारा) | सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों से, दो सूर्यों के द्वारा) | सूर्यैः (अनेक सूर्यों से, अनेक सूर्यों के द्वारा) |
चतुर्थी | सूर्याय (सूर्य को, सूर्य के लिए) | सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों को, दो सूर्यों के लिए) | सूर्येभ्यः (अनेक सूर्यों को, अनेक सूर्यों के लिए) |
पंचमी | सूर्यात्/सूर्याद् (सूर्य से) | सूर्याभ्याम् (दो सूर्यों से) | सूर्येभ्यः (अनेक सूर्यों से) |
षष्ठी | सूर्यस्य (सूर्य का, सूर्य के, सूर्य की) | सूर्ययोः (दो सूर्यों का, दो सूर्यों के, दो सूर्यों की) | सूर्यानाम् (अनेक सूर्यों का, अनेक सूर्यों के, अनेक सूर्यों की) |
सप्तमी | सूर्ये (सूर्य में, सूर्य पर) | सूर्ययोः (दो सूर्यों में, दो सूर्यों पर) | सूर्येषु (अनेक सूर्यों में, अनेक सूर्यों पर) |
सम्बोधन | हे सूर्य! (हे सूर्य!) | हे सूर्यौ! (हे दो सूर्यों!) | हे सूर्याः! (हे अनेक सूर्यों!) |
सूर्य शब्द याद करने की ट्रिक
सूर्य शब्द रूप को या किसी भी सूर्य शब्द रूप की तरह अकारान्त पुल्लिंग को आसानी से लिखने के लिए आपको अलग-अलग शब्दों के शब्द रूप अलग-अलग याद करने की आवश्यकता नहीं है, यदि आप नीचे दी गई तालिका को याद कर लेते हैं तो उसके आगे शब्द को जोड़कर या शब्द के अंत में दिए प्रत्यय लगाकर आसानी से किसी भी अकारान्त पुल्लिंग के शब्द रूप बना सकते हैं।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | : | औ | आः |
द्वितीया | म् | औ | आन् |
तृतीया | येन | भ्याम् | ऐः |
चतुर्थी | आय | भ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | आत् | भ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | स्य | योः | आनाम् |
सप्तमी | े | योः | एषु |
सम्बोधन | हे सूर्य! | हे सूर्यौ! | हे सूर्याः! |
सूर्य शब्द रूप कैसे याद करें?
सूर्य शब्द रूप याद करने के लिए आप इन आसान तरीकों का उपयोग कर सकते हैं:
- चार्ट बनाएं: विभिन्न विभक्तियों के लिए एक चार्ट बनाकर आप आसानी से शब्द रूप याद कर सकते हैं।
- नियमों को समझें: शब्द रूप से जुड़े नियमों को समझें और उन्हें याद रखने का प्रयास करें।
- अभ्यास करें: नियमित रूप से अभ्यास करना शब्द रूप याद रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
- ऑनलाइन टूल का उपयोग करें: Surya Shabd Roop याद करने के लिए कई ऑनलाइन टूल उपलब्ध हैं, जिनका आप उपयोग कर सकते हैं।
उम्मीद है आप सभी को Surya Shabd Roop समझ आए होंगे। संस्कृत व्याकरण के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए eKaksha.in के साथ बनें रहें।